Chandrayaan-1 Jawahar Point

Chandrayaan-3 Landing On Moon: एक तरफ देश ‘चंद्रयान 3’ की सेफ लैडिंग का जश्न मना रहा है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी लेडीज पोस्ट के नाम को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-3 के टचडाउन पोस्ट का नाम ‘शिव शक्ति प्वाइंट‘ रखा है। समकालीन लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर तंज कसा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रशीद अल्वी ने इस नाम को मजाकिया अंदाज में बताया है। इस पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, ‘तो फिर ‘जवाहर प्वाइंट’ के बारे में आपने क्या कहा है?’

ये अधिकार नहीं है प्रधानमंत्री मोदी को – रशीद अल्वी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रशीद अल्वी ने शनिवार (26 अगस्त) को एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चंद्रमा की सतह पर नाम रखना कोई अधिकार नहीं है।” इससे सारी दुनिया हंसेगी। मोदी को चांद के नाम पर एक बिंदु का नाम रखने का अधिकार दिया गया है? चंद्रमा पर सुरक्षित लैडिंग हुई, अच्छी बात है।”

उन्होंने कहा कि सेफ लैडिंग हुई है, हमें इस पर कोई संदेह नहीं है और यह हमारे लिए गर्व की बात है, लेकिन हम मून या उस स्थान के मालिक नहीं हैं। वहीं रिसिड अल्वी पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए ‘जवाहर प्वाइंट’ की आधारशिला रखी। यहां की ‘जवाहर प्वाइंट‘ वह जगह है जहां चंद्रयान-1 यानी 2008 में भारत के पहले चंद्र मिशन का मून इम्पैक्टर प्रोब (एमआईपी) नाम से जाना जाने वाला जहाज चांद की सतह पर उतरा था। योजना के अनुसार एमआईपी मून के दक्षिणी ध्रुव के पास एक बिंदु पर विस्फोट हुआ था, जिसे ‘जवाहर स्थल’ या जवाहर बिंदु का नाम दिया गया था।

‘जवाहरलाल नेहरू की किसी से तुलना नहीं हो सकती’

इंटरव्यू के दौरान जब वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रशीद अल्वी से पूछा गया कि क्या चंद्रयान-3 के टचडाउन पोस्ट में का नाम पीएम मोदी और अटल बिहारी का नाम नहीं रखा गया है? इस पर उनका जवाब था कि आप मशहुर नेहरू से किसी भी चीज़ का मुकाबला नहीं कर सकते। इसरो आज जो कुछ भी है, मशहीर नेहरू की वज़ह है। 1962 में विक्रम साराभाई और नेपोलियन नेहरू ने इसरो की स्थापना की थी। इसलिए आप कह सकते हैं कि पंडित नेहरू ने ही इसे स्थापित किया था। इसलिए उनकी बात बिल्कुल अलग है. मोदी जी अब राजनीतिकरण कर रहे हैं।

कांग्रेस हिंदू विरोधी चरित्र दिखा रही है – शाहजहाँ पूनावाला

रसीद अल्वी के बयान का बीजेपी ने जवाब दिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शेख़ पूनावाला ने पलटवार करते हुए कहा कि “केवल अपने हिंदू विरोधी चरित्र का खुलासा कर रही है।” यह पार्टी है जो भगवान राम के दर्शन पर सवाल उठाती है। राम मंदिर का विरोध और हिंदुत्व को बढ़ावा दिया जा रहा है। दोनों के नाम ‘शिव शक्ति प्वाइंट‘ और ‘तिरंगा प्वाइंट’ देश से जुड़े हुए हैं।”

उन्होंने कहा कि आख़िरकार रशीद अल्वी को यह हास्यास्पद क्यों लगता है। इसके बाद इन नेताओं ने खुद को जनेऊधारी कहा है। वे केवल गांधी परिवार और नेहरू की प्रशंसा करेंगे। पूनावाला ने यह भी उल्लेख किया है कि विक्रम लैंडर का नाम विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया था। पूनावाला ने आगे कहा कि “अगर जोड़े की सरकार होती तो चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 शायद ही भेजे जाते।” अगर भेजा गया है तो ‘इंदिरा प्वाइंट‘ और ‘राजीव प्वाइंट होता है’ के नाम पर टच करें।’

जानें ‘Jawahar Point’ के बारे में

Jawahar Point‘ को पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम से जाना जाता है। यह मून के शेकलटन क्रेटर के पास का क्षेत्र है। यह वह स्थान है जहां इसरो का मून इम्पैक्ट प्रोब असफल हो गया था। उसे उसी रूप में डिज़ाइन किया गया था. यह विशेष संयोग था कि उस दिन 14 नवंबर को नेहरू जी का जन्मदिन था। इसी तरह उस स्थल का नाम जवाहर प्वाइंट रखा गया था।

PM Modi की घोषणा के बाद बढ़ा विवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दौरे से सीधे बात कर रहे थे। यहां उन्होंने चंद्रयान-3 की पूरी टीम और इसरो प्रमुख एस सोम से मिलकर उन्हें सफलता की बधाई दी। इसके बाद उन्होंने तीन घोषणाएं कीं. सबसे पहले जहां चंद्रयान 3 ने चांद की जमीन को छुआ था, उनका नाम ‘शिव शक्ति प्वाइंट’ रखा गया था। दूसरी- जहां चंद्रयान-2 ने टचडाउन किया था, उसका नाम ‘तिरंगा प्वाइंट’ रखा गया था. तीसरा यह कि 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है।

By विशाल यादव

मीडिया के क्षेत्र में 3 साल का अनुभव है। 2020 में छत्रपति शाहू जी महाराज फेयर यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद newschecker.in से करियर की शुरुआत करते हुए तथ्यों को लेकर वैज्ञानिक राइटर के रूप में काम किया, जहां पर 11 महीने काम करने का अनुभव मिला। इसके बाद कृष्ण विश्वविद्यालय में सामग्री राइटर के रूप में 6 महीने काम किया। इसके बाद 6 महीने का फ्रीलांस सामग्री राइट के रूप में काम करने का अनुभव प्राप्त किया। इसके बाद हिंदी समाचार बाइट ऐप को 3 महीने तक सेवा प्रदान की जाती है। अब मैं योजना अलर्ट वेबसाइट पर काम कर रहा हूं। मेरा मकसद शुद्ध, स्पष्ट और सही सामग्री लोगों तक पहुंचाना है।