Elon Mask

ट्विटर ब्लू टिक अपडेट: एलन मस्क ने हाल ही में एक ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी थी कि कब से आपका ट्विटर ब्लू टिक हट जाएगा। अगर आप भी एक रेडियो यूजर हैं तो अपको ब्लू टिक के लिए अब पैसे देने पड़ेंगे। सीईओ एलन मस्क ने कहा है कि जो लोग पैसे नहीं देंगे, उन्हें ब्लू टिक का लाभ नहीं मिलेगा।

आज से हट जाएगा ब्लू टिक

एलन मस्क ने बताया था कि 20 अप्रैल से रेडियो से लेगेसी ब्लू टिक मार्क यानी वेरिफाई अकाउंट से हट जाएगा। उन्होंने अपने ट्विट में कहा कि “लेगेसी ब्लू चेकमार्क 20 अप्रैल को हटा दिए जाएंगे।” साथ ही अगर ब्लू टिक होना चाहिए तो मेंथली चार्ज देना, जिसके बाद ही अकाउंट पर ब्लू टिक एक्टिव किया जाएगा।

2009 में ट्विटर ब्लू टिक मार्क शुरू किया गया था

2009 में ट्विटर पर ब्लू टिक देने की शुरुआत की गई। हालांकि ये टिक मार्क सभी ग्राहकों को नहीं दिया गया था। ये सिर्फ उन्हें मिलते थे जो एक मशहूर हस्ती जैसे राजनीतिक नेता, सिलेब्रिटीज, पत्रकार और इंफ्लुएंशर आदि थे। उनके अकाउंट को वेरिफाई करके ब्लू टिक फ्री में दिया जाता था। हालांकि एलन मस्क के आने के बाद कई बदलाव किए गए हैं। इसमें ब्लू टिक के लिए चार्ज लेना भी शामिल है।

एलन मस्क ने क्या-क्या किए बदलाव

पिछले साल अक्टूबर में एलन मस्क ने ट्विटर को 44 अरब डॉलर में खरीदा था, जिसके बाद से कई बड़े बदलाव किए जा चुके हैं। सबसे पहले रेडियो के कर्मचारियों को निकाल दिया गया है। इसके बाद ब्लू टिक के लिए चार्ज लेना शुरू किया गया था। ब्लू टिक पर चार्ज पहले अमेरिका और अन्य देशों में शुरू हुआ था और अब भारत में भी इसे लागू कर दिया गया है।

ब्लू टिक के लिए कितने देने होंगे पैसे

भारत में ट्विटर ब्लू मोबाइल यूजर्स के लिए अकाउंट होल्डर को 900 रुपये का भुगतान करना होगा, जबकि वेब के लिए यूजर्स को 650 रुपये का शुल्क देना होगा। वहीं अमेरिका की बात करें तो वहां ब्लू टिक मोबाइल के लिए 11 अमेरिकी डॉलर प्रति माह और ब्लूप्रिंट 114.99 डॉलर प्रति वर्ष देना होगा। इसके अलावा, वेब के लिए 8 डॉलर प्रति माह और 84 डॉलर प्रति वर्ष देना होगा।

By विशाल यादव

मीडिया के क्षेत्र में 3 साल का अनुभव है। 2020 में छत्रपति शाहू जी महाराज फेयर यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद newschecker.in से करियर की शुरुआत करते हुए तथ्यों को लेकर वैज्ञानिक राइटर के रूप में काम किया, जहां पर 11 महीने काम करने का अनुभव मिला। इसके बाद कृष्ण विश्वविद्यालय में सामग्री राइटर के रूप में 6 महीने काम किया। इसके बाद 6 महीने का फ्रीलांस सामग्री राइट के रूप में काम करने का अनुभव प्राप्त किया। इसके बाद हिंदी समाचार बाइट ऐप को 3 महीने तक सेवा प्रदान की जाती है। अब मैं योजना अलर्ट वेबसाइट पर काम कर रहा हूं। मेरा मकसद शुद्ध, स्पष्ट और सही सामग्री लोगों तक पहुंचाना है।