Mann Ki Baat

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड में खास अंदाज में लोगों से रूबरू हुए। भारत से लेकर लंदन और अमेरिका तक इस खास एपिसोड का प्रसारण हुआ। करोड़ों लोग पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम का हिस्सा बने।

प्रधानमंत्री ने इस दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से लेकर कश्मीर की बंधकों और हरियाणा के सुनील जगलान तक का जिक्र किया। पर्यावरण से लेकर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ो और अमृतकाल तक की बात कही। बोले, ‘इस कार्यक्रम के जरिए कई जनआंदोलन शुरू हुए। लोगों ने इसे खूब पसंद किया।’ प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ के सफर के बारे में भी बताया।

आइए जानते हैं पीएम मोदी ने अपने खास कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड में क्या-क्या कहा?

1. मन की बात एक अनोखा पर्व बन गया

‘तीन अक्टूबर 2014 को विजया दशमी का वो पर्व था और हम सबने मिलकर विजया दशमी के दिन ‘मन की बात’ की यात्रा शुरू की थी। विजया दशमी यानी, बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व, ‘मन की बात’ भी देशवासियों की अच्छाइयों की सकारात्मकता का एक अनूठा पर्व बन गया है। एक ऐसा पर्व, जो हर महीने आता है, जिसका इंतजार हम सभी को होता है। हम इसमें सकारात्मकता को सेलीब्रेट करते हैं। हम इसमें लोगों की भागीदारी को भी सेलीब्रेट करते हैं। कई बार यकीन नहीं हुआ कि ‘मन की बात’ को इतने महीने और इतने साल गुजर गए। हर एपिसोड अपने-आप में खास रहा।’

‘आज मन की बात का 100वां एपिसोड है। मुझे आप सबकी हजारों चिट्ठियां और संदेश मिले। कोशिश की है कि ज्यादा से ज्यादा चीजों को पढ़ पाऊं देख पाऊं। समझने की कोशिश। कई बार पत्र उदासीन भावहीन हो गए, भावनाओं में बह गए और समाहित हो गए। 100वें एपिसोड पर समग्र दिल से कहता हूं कि बधाई आपने दी, पात्र आप सभी लिंक हैं।’

2. ओबामा के साथ मन की बात की तो दुनिया में इसकी चर्चा होने लगी

‘ जब मैंने देखा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मन की बात की तो इसकी दुनिया में चर्चा हुई। मन की बात मेरे लिए दूसरों के गुणों की पूजा का मौका है। मेरे थे दिशानिर्देश लक्ष्मण राव, वो कहते थे कि हमें दूसरों के गुणों की पूजा करनी चाहिए। उनकी इस बात से मुझे प्रेरणा मिलती है। यह अन्य कार्यक्रम से सीखने की प्रेरणा बन गई है। इसने मुझे आपसे कभी दूर नहीं होने दिया।’

3. देशवासी से कटकर नहीं रह सकते

‘जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब सामान्य तौर पर लोगों से धूम्रपान-जुलना हो जाता था। 2014 में दिल्ली आने के बाद मैंने पाया कि यहां का जीवन और काम का स्वरूप अलग है। सुरक्षा का तामझाम, समय की सीमा सब कुछ अलग है। शुरुआती दिनों में खाली-खाली सा महसूस करता था। 50 साल पहले घर इसलिए नहीं छोड़ा था कि आपके ही देशवासियों से संपर्क नहीं हो सकता। देशवासी सब कुछ हैं और उन्हें काटकर नहीं रह सकते। मन की बात ने मुझे मौका दिया। पदभार और प्रोटोकॉल व्यवस्था तक सीमित है। जनभावना मेरा संगठन बन गया।’

4. मन की बात से निकले हुए जन आंदोलन

‘मन की बात के माध्यम से ही आंदोलन हो गए। ‘मन की बात’ जिस विषय से, वो जन आंदोलन बन गया। शक की बात को फिर से स्थापित करने का मिशन मन की बात से ही शुरू हो गया था। हमारे भारतीय श्वान (देशी कुत्ते) के बारे में जागरूकता बढ़ाने की शुरुआत भी मन की बात से ही शुरू हुई थी। इसके साथ ही गरीब और छोटे दुकानदारों से शाम न करने की भी शुरुआत हो गई थी। ऐसे हर प्रयास समाज में बदलाव का कारण बनते हैं।’

5. पर्यावरण को लेकर मन की बात का प्रयास भी जारी

‘मैं हमेशा यही कहता हूं कि हमें विदेश में टूर पर जाने से पहले अपने देश के टूरिज्म प्लेस पर जाना चाहिए। ऐसे ही हमने क्लीन सियाचिन, सिंगल यूज प्लास्टिक और ई-वेस्ट पर भी बात की है। आज दुनिया जिस पर्यावरण को लेकर इतनी परेशान है, उसे लेकर मन की बात का प्रयास भी जारी है। मीनार की डीजी का बयान भी आया है। उन्होंने मन की बात के 100वें एपिसोड पर बधाई दी है और एक संदेश भी भेजा है।’

6. 2030 तक हम हर जगह अच्छी शिक्षाना चाहते हैं

‘भारत और यूनेस्को का इतिहास बहुत पुराना है। शिक्षा पर यूनेस्को काम कर रहा है। 2030 तक हमें हर जगह अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं। हम संस्कृति को भी बचाना चाहते हैं। आप भारत का इसमें रोल बताएं? आपसे बात करके खुशी हो रही है। आपने शिक्षा और संस्कृति संरक्षण पर प्रश्न पूछे हैं। ये दोनों विषय मन की बात के पसंदीदा विषय हैं। राष्ट्रीय शिक्षा क्षेत्रीय या क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा के विकल्प जैसे प्रयास किए जा रहे हैं। गुजरात में गुणोत्सव और शाला में प्रवेश उत्सव शुरू किए थे।’

7. कल्चरल प्रिजर्वेशन के प्रयासों को भी स्थान दिया गया

‘मन की बात में हमने लोगों के प्रयासों को हाईलाइट किया।’ एक बार हमने ओडिशा में ठेले पर चाय बेचने वाले लाइट डीलाइट राव के बारे में बात की, जो गरीब बच्चे पढ़ते थे। झारखंड के संजय कश्यप, हेमलता जी का उदाहरण हमने दिया है। कल्चरल प्रिजर्वेशन के प्रयासों को भी स्थान दिया गया। लक्षद्वीप का क्लब, कर्नाटक का सचेत मंच… देश के कोने-कोने से मुझे उदाहरण भेजा गया। देशभक्त पर गीत, लोरी और रंगोली की गणना शुरू की। स्टोरी टेलिंग पर भी मैंने बात की। इस साल हम जी-20 की अध्यक्षता कर रहे हैं। इसका कारण यह है कि शिक्षा के साथ गोताखोरों ने वैश्विक कल्चर को समृद्ध करने के लिए प्रयास और तेज किया है।’

8. मन की बात ईश्वर रूपी जनता के चरणों में प्रसाद की थाल जैसे

‘हर महीने मैं देशवासियों के बलिदान की परकाष्ठा देखता हूं। मुझे लगता ही नहीं है कि आप थोड़ा दूर हैं। यह मेरे लिए आध्यात्मिक यात्रा बन गई है। यह तो मैं नहीं, तू ही का संस्कार साधना है। कल्पना करिए कि कोई देशवासी 40-40 साल से निर्जन जमीन पर पेड़ लगा रहा है। कोई 30 साल से जल संरक्षण के लिए बावड़ी बना रहा है। कोई निर्धन बच्चे पढ़ रहे हैं। किसी मोटे के इलाज में मदद कर रहा है। कितनी ही बार मन की बात में इनका उल्लेख करते हुए मैं भावुक हुआ। आकाशवाणी के साथियों को इसे रिकॉर्ड करना पड़ा।’

9. अहम् से वयम की यात्रा

‘जनभावना कोटि-कोटि जनों के साथ मेरे संबंध अनुबंधित विश्व का अंग बन गए। हर महीने मैं लोगों के हजारों संदेश शेयर करता हूं। मैं देशवासियों के भावों को महसूस करता हूं। मुझे लगता ही नहीं कि मैं आपसे थोड़ा दूर हूं। मेरे लिए मन की बात कार्यक्रम नहीं है। मेरे लिए यह आस्था, पूजा और व्रत है। जैसे लोग ईश्वर की पूजा करते हैं, तो प्रसाद लाते हैं। मेरे लिए मन की बात में आपका संदेश प्रसाद की तरह हैं। मेरे लिए मन की बात आध्यात्मिक बन गई है। यह अहम् से वयम की यात्रा है।’

10. देशवासियों की सेवा और सामर्थ्य ने प्रेरणा दी

‘उपनिषदों में कहा गया है- कारण हो रहा है, कारण हो रहा है, कारण हो रहा है। आज हम चरैवेति भावना के साथ मन की बात का 100वां एपिसोड पूरा कर रहे हैं। भारत के सामाजिक ताने-बाने को सामने लाने में मन की बात पढ़ने की तरह है। हर एपिसोड में देशवासियों की सेवा और सामर्थ्य ने प्रेरणा दी है। एक तरह से मन की बात का हर एपिसोड अगला एपिसोड तैयार करता है। यह कार्यक्रम हमेशा सद्भावना, सेवा भावना से आगे बढ़ा है।’

‘मन की बात से जो शुरू हुआ, वह देश की नई परंपरा भी बन रही है। ऐसी प्रथा, जिसमें सबका प्रयास की भावना दिखती है। आकाशवाणी के साथियों को भी धन्यवाद, जो गांभीर्य के साथ इसे रिकॉर्ड करते हैं, ट्रांसलेटर जो विविध आकाशदीप में अनुवाद करते हैं, दूरदर्शन और मेरा गांव, इलेक्ट्रॉनिक चैनल भी आनंद व्यक्त करते हैं। वे भी आनन्दित होते हैं जो मन की बात की आज्ञा को संभाले हुए हैं। भारत के लोग और भारत में आस्था रखने वाले लोग। यह आपकी प्रेरणा से संभव है।’

‘आज समय और शब्द दोनों कम पड़ रहे हैं, मुझे भरोसा है कि आप मेरी भावनाओं और भावनाओं को समझेंगे। आपके परिवार के सदस्य के रूप में आपके साथ रहा हूं, आपके बीच में रहा हूं और आपके बीच में रहूंगा। अगले महीने फिर आएंगे।’

कई लोगों से पीएम मोदी ने बातचीत भी की

  • हरियाणा के सुनील जगलान से बात

मेरे साथ जुड़े हैं हरियाणा के भाई सुनील जगलान, ये प्रभाव मेरे मन पर है। मैंने बेटी बचाओ अभियान हरियाणा से शुरू किया। कुछ कैंपेन वीडियो डॉटर का असर मुझ पर पड़ा। मैंने इसका जिक्र मन की बात में किया। ये अभियान पूरी दुनिया में फैल गया। जीवन में बेटी का स्थान कितना बड़ा होता है, इस अभियान से यह प्रकट हुआ। आज हरियाणा में जेंडर रेशियो में सुधार आया।’

पीएम मोदी : आज सुनील जी से गप्प मार रहे हैं। सुनील जी सेल्फी डॉटर हर किसी को याद है। आपको कैसा लग रहा है?
सुनील: ये हमारे प्रदेश हरियाणा से पानीपत की चौथी लड़ाई शुरू की थी, यह मेरे लिए और बेटियों के पिता के लिए बहुत बड़ी बात है।

पीएम मोदी : आपकी बिटिया कैसी है?
सुनील : दोनों बेटियां आपकी बहुत फैन हैं। वे अपनी कक्षा से थैंक्यू प्रधानमंत्री जी पत्र भी लिख रहे थे।

  • कश्मीर के बंधक से भी जुड़े

‘साथियों ने मुझे संतोष है कि मन की बात में हमने नारी शक्ति की प्रेरणा पुरस्कृत गाथाओं का उल्लेख किया है। छत्तीसगढ़ के गांव की महिलाओं के स्वच्छता अभियान चलाने वाले स्वसहायता समूह की बात की। तमिल के आदिवासी समुदाय की टेराकोटा कप मेकर महिलाओं की बात। वहीं 20 हजार महिलाओं ने वेल्लोर में नाग नदी को फिर से जीवित किया। मन की बात में जम्मू-कश्मीर के पेन स्लेट का जिक्र करते हुए अहमियत का जिक्र किया था। वो साथ हैं।’

पीएम मोदी: बंधक-पेंस्टर-स्लेट का काम कैसा चल रहा है?
बंधक अहमद : ये काम बढ़ा है, बहुत से लोगों को रोजगार मिल गया है। अभी 200 प्लस लोग काम कर रहे हैं। आगे 200 लोगों को और रोजगार मिलेगा।

पीएम मोदी : बंधक आपने कहा था कि इस काम की पहचान नहीं, आपकी पहचान नहीं। आपको पीड़ा थी। अब पहचान भी है और 200 से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहे हैं।
बंधक : किसानों को भी फायदा हुआ। दो हजार का लेखाजोखा था और अब पांच हजार का इजाफा हुआ है।

पीएम मोदी : आपने लॉग फॉर वोकल को जमीन पर छोड़ दिया।

  • प्रदीप सांगवान से भी की चर्चा

‘मन की बात ने जन आंदोलन ने जन्म लिया और गति पकड़ी। टॉय इंडस्ट्री को फिर से स्थापित करने का मिशन शुरू हुआ था। स्वान और देसी कुत्तों की शुरुआत की। गरीब छोटे दुकानदारों से मोलभाव ना करने की बात भी शुरू की थी। हर घर तिरंगा खतरे में भी मन की बात ने संकल्प से जोड़ा। ऐसे उदाहरण समाज में बदलाव का कारण बने। प्रदीप सांगवान ने हीलिंग हिमालय की शुरुआत की। प्रदीप हमारे साथ हैं।’

पीएम मोदी : कैसे हैं?
प्रदीप : मेरा अभियान 2020 से बहुत अच्छा है। जो काम 20 साल में करते थे, वो पांच साल में हो गया। शटर को कोई तवज्जो नहीं देता था, 2020 के बाद चीजें बदल गईं। अब 10 टन हम बटोरते हैं। 2020 में मैं हार मान चुका था, पर फिर सब बदल गया। पता नहीं आप कैसे हम जैसे लोगों को ढूंढते हैं। मेरे लिए तब भी बहुत भावपूर्ण पल था और आज भी है।

पीएम मोदी : आप सभी अर्थों में हिमालय की चोटियों पर साधना कर रहे हैं। आज आपके नाम से लोगों को आपका अभियान याद आ रहा है। विश्वास है कि आपके प्रयासों से ही पर्वतारोही स्वच्छता से जुड़े फोटो पोस्ट करने हैं।

By Deepti Verma

मेरा नाम Deepti Verma है I मैं हरियाणा की रहने वाली हूँ I मैं पिछले 6 महीने से YojnaAlerts पर अपना समय दे रही हूँI मैं अब SEO On-Page और Off-Page पर भी काम कर रही हूँ I अगर किसी भी न्यूज़ के बारें में कोई सुझाव या शिकायत है तो आप मुझ से info.yojnaalaerts@gmail.com पर संपर्क कर सकते है। धन्यवाद